इंटरनेट ने एक ओर जहां हमारी जिंदगी आसान बनाई है, वहीं निजी जिंदगी में इसकी दखलंदजी में मुश्किलें भी बढ़ा दी है। खासतौर पर बच्चे और युवा वर्ग इंटरनेट हस्तक्षेप में सबसे ज्यादा पीड़ित है। साइबर बुलिंग दखलअंदाजी का सबसे डरवाना हथियार है।
सर्वे में शामिल करीब 55 फिसदी बच्चों ने स्वीकारा कि साइबर बुलिंग उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई है। साठ फिसदी अभिभावक अपने बच्चों के साथ ऐसा होने की बात स्वीकारते हैं। बच्चों को इससे बचाना अभिभावकों के बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। 49 फीसदी माता-पिता मानते हैं कि उनके बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल काम है।
» खाश करके फेसबुक पर ज्याद क्राइम्स होते है तो आप किसी भी फेक अकॉउंट के झांसे में ना आएं, हो सके तो उन्हे ब्लॉक कर दें। आज भी फेसबुक पर करोड़ों की मात्रा में फेक अकाउंट मौजूद है जिसके माध्यम से क्रिमिनल्स क्राइम करते हैं !
» अगर आपसे कोई सोशल मीडिया पर कांटेक्ट करता है तो सबसे पहले आप उसकी प्रोफाइल जाँच लें, की वो बंदा कहा रहता है क्या करता हैं और आपसे क्यों कांटेक्ट कर रहा हैं
» कभी कभी फेक अकाउंट प्रोफाइल नाम देखकर भी पता चल जाता है जैसे की उनके नाम होते हैं, Angle...?..., Rowdey...?..., Mastani...?..., वगैरह वगैरह, तो आप उन्हें खाश करके सावधान रहे !
» आप अपने सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की पर्सनल इनफार्मेशन न दें , जैसे की , Aadhar Card, Pan Card, Bank Passbook का स्क्रीनशॉट्स वगैरह !
» बहुत सारे लोगो को सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करने का शौक होता है तो आप सोशल मीडिया पर थोड़े हद में रहकर ही फोटोज शेयर करना , क्योंकि क्रिमिनल्स आपकी फोटोज को छेड़ छाड कर फिर आपको ब्लैकमेल कर सकता हैं !
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What Is Cyber Bullying In Hindi |
सर्वे में शामिल करीब 55 फिसदी बच्चों ने स्वीकारा कि साइबर बुलिंग उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई है। साठ फिसदी अभिभावक अपने बच्चों के साथ ऐसा होने की बात स्वीकारते हैं। बच्चों को इससे बचाना अभिभावकों के बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। 49 फीसदी माता-पिता मानते हैं कि उनके बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों का पता लगाना मुश्किल काम है।
कैसे दिया जाता हैं अंजाम
यह सेक्स एक्ट एक्ट के तहत आता है इसमें साइबर क्रिमिनल लोगों की नंगा करके उसके साथ अनैतिक कृत्य करते हुए एक डिजिटल फॉर्मेट तैयार करता है और इंटरनेट पर अपलोड कर देता है और साइबर क्रिमिनल बच्चों के माध्यम से माता-पिता को तंग करता है और पैसे की डिमांड करता है इस तरह के कार्य को भी साइबर क्राइम कहा जाता है, साइबर बुलिंग बच्चों के मानसिक व शैक्षणिक विकास पर बहुत बुरा असर डाल रही है। इसके बावजूद अभिभावक और शिक्षक मानते हैं कि उनके पास इससे निपटने का समाधान नहीं हैइससे खुद को कैसे बचाये
इसे रोक पाना लगभग नामुमकिन है क्योंकि आजकल हर दस में से नौ बंदा सोशल मीडिया का यूज करता हैं, वहां से साइबर क्रिमिनल्स उनसे कांटेक्ट करती है, लेकिन वही सोशल मीडिया हमारे बिज़नेस क भी एक्स्प्लोर करती है ो उसे तो हम बंद नहीं कर सकते ,तो हमारी ओर से ये रिक्वेस्ट है की इन अपराधों से बचने के लिए आप कुछ सख्त कदम उठाएं जैसे की -» खाश करके फेसबुक पर ज्याद क्राइम्स होते है तो आप किसी भी फेक अकॉउंट के झांसे में ना आएं, हो सके तो उन्हे ब्लॉक कर दें। आज भी फेसबुक पर करोड़ों की मात्रा में फेक अकाउंट मौजूद है जिसके माध्यम से क्रिमिनल्स क्राइम करते हैं !
» अगर आपसे कोई सोशल मीडिया पर कांटेक्ट करता है तो सबसे पहले आप उसकी प्रोफाइल जाँच लें, की वो बंदा कहा रहता है क्या करता हैं और आपसे क्यों कांटेक्ट कर रहा हैं
» कभी कभी फेक अकाउंट प्रोफाइल नाम देखकर भी पता चल जाता है जैसे की उनके नाम होते हैं, Angle...?..., Rowdey...?..., Mastani...?..., वगैरह वगैरह, तो आप उन्हें खाश करके सावधान रहे !
» आप अपने सोशल मीडिया पर किसी भी तरह की पर्सनल इनफार्मेशन न दें , जैसे की , Aadhar Card, Pan Card, Bank Passbook का स्क्रीनशॉट्स वगैरह !
» बहुत सारे लोगो को सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड करने का शौक होता है तो आप सोशल मीडिया पर थोड़े हद में रहकर ही फोटोज शेयर करना , क्योंकि क्रिमिनल्स आपकी फोटोज को छेड़ छाड कर फिर आपको ब्लैकमेल कर सकता हैं !
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